- 20 Posts
- 10 Comments
1947 के बाद जितने भी भारत के प्रधान मंत्री हुए हैं ,सिवाय श्री लाल भाहादुर शास्त्री जी के, बगैर नाक के सांड थे, जब जी चाहा तब वेसा किया जो चाहा. देश को किसी ने नहीं संभाला| 1950 में एक अंग्रेजी परस्त बी. आर. आंबेडकर ने 5 -6 दूसरे देशो के संविधान क़ी नक़ल कर 26 जनवरी 1950 में भारतीय संविधान नामक एक फिजूल सा लेख पास करवा लिया जिसमे तीन टांगे ही थी| सर पैरों के बगैर कैसे कोई टिका रह सकता है| उस संविधान में, जिसे मै भारत माता क़ी बेटी कहता हूँ उसकी पोशाकों में 100 से अधिक ठेगले लगा दिए गये हैं इन कान्ग्रेसिओं ने| क्योंकि कपिल सिब्बल एंड पार्टी का कहना है क़ी संसद सबसे ऊपर है यानि एक बार 5 साल के लिए चुन गये तो फिर मारो उन बेवकूफों को जिन्होंने उन्हें चुनकर संसद में भेजा है|
राष्ट्रपति पद क़ी क्या आवश्यकता है| वह कुछ भी नहीं है, जो है वो चिदंबरम है- यानि गृह मंत्री| वो कहे तो फांसी दो, वर्ना मत दो| लोक सभा तो ठीक है राज्य सभा का क्या काम? जहाँ एक बार चुन लिए गए तो गई 5 सालों क़ी, और मजे करो, मौज करो और जनता के पैसों पर दुनिया घुमो, 5 सितारा होटलों मै एश करों, लाल बत्ती क़ी बुलेट प्रूफ कारों में घुमो, काले – काले भूतो के बीच सुरक्षित रहो, जनता जाये भाड़ में|
इसलिए अन्ना हजारे का लोक पाल बिल तुरंत प्रभाव से लागु हो| पुराना टूटा फूटा संविधान दुबारा लिखा जाये| जिसमे तुरंत 6 महीनो में न्याय मिल जाये, गुंडों को फांसी मिले, इमानदार को शांति मिले. अभी सी. बी आइ. तो गुंडों को ढूंढ़ नहीं पाती, जो सामने घर में रहते हैं उनको पकड़ लेती है, पुलिस तो उस से भी अधिक अत्याचारी है, देख लो बाबा राम देव और अन्ना के आन्दोलन को| पूरा देश एक साथ खड़ा है और एक निकम्मा और बदजात भारत का मंत्री मंडल हंस रहा है| 10 मिनट में एक अध्यादेश जारी किया जाये| जितना भी काला धन विदेश व भारत में जमा है बेंको में तुरंत राजकीय संपत्ति हो, तो फिर इस मंत्री मंडल को क्या परेशानी है? साफ है इन्ही चोरो डकेतों और गुंडों का धन जमा है विदेशी बेंकों में.
Read Comments